जयपुर – 9 सितम्बर – दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों के चल रहे दशलक्षण महापर्व में दूसरे दिन वीतराग धर्म का दूसरा लक्षण उत्तम मार्दव भक्ति भाव से मनाया गया। इस मौके पर शहर के दिगम्बर जैन मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठे।
राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि दिगम्बर जैन मंदिरों में प्रातः श्री जी के अभिषेक, शांतिधारा के बाद दशलक्षण धर्म की विधान मंडल पर अष्ट द्रव्य से पूजा अर्चना की गई। चातुर्मास स्थलों पर संतो एवं विद्वानों ने उत्तम मार्दव पर प्रवचन दिया। जिसमें बताया गया कि ‘मानमहा विषरुप, करहि नीच गति जगत में । कोमल सुधा अनूप, सुख पावे प्रानी सदा।। उत्तम मार्दव गुनमन माना, मानकरन कौ कौन ठिकाना।बस्यो निगोद माहि तै आया, दमरी रुंकन भाग बिकाया।।’ ‘ अर्थात मान एवं घमण्ड बहुत ही तेज विष है, जो मनुष्य को नीच गति में ले जाता है। अत:मनुष्य को अपने जीवन में कभी भी मान व घमण्ड नही करना चाहिए।
सायंकाल आरती एवं प्रतिक्रमण के बाद सांस्कृतिक आयोजन हुए।
श्री जैन के मुताबिक शांतिनाथ जी की खोह के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र में समाजश्रेष्ठी विनोद जैन कोटखावदा, कमल वैद के नेतृत्व में दशलक्षण पूजा की गई।
आगरा रोड पर श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चूलगिरी में उत्तम मार्दव धर्म मनाया गया। सामूहिक पूजा विधान किया गया।
विनोद जैन ‘कोटखावदा’ के अनुसार
तारो की कूट स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सूर्य नगर में अध्यक्ष नवीन छाबड़ा एवं मंत्री धनेश सेठी के नेतृत्व में दशलक्षण महापर्व मनाया गया जिसमें प्रातः अभिषेक, शांतिधारा के बाद उत्तम मार्दव धर्म की पूजा की गई। रात्रि में महाआरती के बाद सांस्कृतिक आयोजन किये गये।
श्री जैन के मुताबिक मंगलवार 10 सितम्बर को वीतराग धर्म का उत्तम आर्जव लक्षण मनाया जावेगा। प्रातः मंदिरों में अभिषेक, शांतिधारा के बाद दशलक्षण धर्म की पूजा की जावेगी। चातुर्मास स्थलों पर संतो के प्रवचन होगे।
श्री जैन के मुताबिक दशलक्षण महापर्व मंगलवार 17 सितम्बर तक चलेगा । 12 सितम्बर तक पुष्पांजलि व्रत, 17 सितम्बर तक दशलक्षण व्रत किये जायेंगे। इस दौरान धर्म के 10 लक्षणों की पूजा आराधना की जावेगी । प्रतिदिन एक धर्म पर विशेष प्रवचन होगा। 13 सितम्बर को सुगन्ध दशमी मनाई जावेगी ।इस दिन मंदिरों में ज्ञान वर्धक तथा संदेशात्मक झांकियां सजाई जावेगी
श्री जैन के मुताबिक 17 सितम्बर को अनन्त चतुर्दशी एवं दशलक्षण समापन कलश होगें । 18 सितम्बर को षोडशकारण समापन कलश एवं पड़वा ढोक क्षमा वाणी पर्व मनाया जावेगा। इस दौरान दिगम्बर जैन मंदिरों में पूजा अर्चना के विशेष आयोजन होगें।